Surya Shani Yuti

सूर्य शनि की युति द्वितीय भाव मे – सूर्य शनि की युति के प्रभाव प्रत्येक भाव से सूर्य शनि की युति एक महत्वपूर्ण युक्ति है

सूर्य शनि की युति  द्वितीय भाव मे

sun shani yuti 2 house

सूर्य शनि की युति के प्रभाव प्रत्येक भाव से सूर्य शनि की युति एक महत्वपूर्ण युति है इस युति के प्रभाव से व्यक्ति के के जीवन में आने वाली अधिकांश घटनाएं प्रभावित होती है क्योंकि दोनों ही ग्रह जीवन यापन के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रभावी और उपयोगी है,

आत्मा के कारक सूर्य जहां आपकी आत्मशक्ति स्वाभिमान निरोगी काया देते हैं वही कर्म प्रधान शनिदेव आपके कर्म, कार्य की प्रति आपकी समर्पण, कार्य क्षमताओं के के साथ जीवन के संघर्ष को दिखलाता है

वही शनि और सूर्य की अच्छी स्थिति जीवन के हर लक्ष्य को पूर्ण करती है साथ में धर्म परायणता और लक्ष्य के प्रति समर्पण भी देती है

सूर्य और शनि जितने कम अंशु पर एक दूसरे से विराजमान होते हैं उतनी ही युति प्रबल होती है और और शनि की युति का का प्रभाव अलग-अलग पड़ता है
समानता और और शनि की युति से कुछ विशेष प्रभाव जीवन में देखने को मिलते हैं

Surya Shani Yuti

सूर्य-शनि की युति के सामान्य प्रभाव
दुर्लभ संयोग माना जाता है.
इसके चलते जीवन में तनाव, क्रोध, सम्बन्धो मे उतार चढ़ाव खास कर पिता पुत्र के आपसी सम्बन्धो मे,
पारिवारिक तनाव, स्वास्थ्य समस्या और आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ता है
सूर्य शनि की युति शारीरिक विकारों जन्म पत्रिका में सूर्य शनि की युति शारीरिक विकारों को भी बढ़ती है
शारीरिक कमजोरी और दर्द, घुटने या पैर सम्बन्धी दिक्क़ते , दांत या त्वचा रोग, फ्रैक्चर, मांसपेशियों के रोग, लकवा, बहरापन, खांसी, दमा, अपच, तंत्रिका विकार
द्वितीय भाव में सूर्य शनि की युति 
जब सूर्य और शनि दूसरे भाव में विराजमान होते हैं, तो वित्तीय मामलों में इसका पूर्ण प्रभाव देखने को मिलता है
इस युति के प्रभाव से व्यक्ति के स्वभाव और वाणी मे कटुता आना स्वाभाविक रहता है
वही पारिवारिक संबंधों को लेकर जीवन में उतार-चढ़ाव बना रहता है
ऐसा देखा गया है एसे व्यक्ति संम्पति बनने मे रूचि रखते है और ट्रिक संपत्ति प्राप्त भी कर लेते हैं

शनि  की युति द्वितीय भाव में संघर्षों के बाद बहुत अच्छी आर्थिक स्थिति भी प्रदान करती है स्वास्थ्य के लिहाज से इस युति के प्रभाव का विपरीत फल प्राप्त होता है इसलिए स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए खासकर गले, सांस, आंखों और हड्डी सम्बन्धी परेशानियों को ले कर, दोनों ग्रह और और शनि के अंश बलाबल के आधार पर इस युति के के प्रभाव मैं अधिकता या नया नेता आती है,
और चने की यह युक्ति कार्य क्षेत्र में आधिकारिक वर्ग से संबंध में उतार-चढ़ाव बनाए रखती है, निवेश के लिया से यह युति उत्तम है निवेश से धनार्जन और लाभ की स्थितियां थोड़ा विलम्ब से ही सही पर,मिलती जरूर है

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