सन्धि काल का पूजन पूरी करायेगा सभी मनोकामनाएं
अष्टमी तिथि का आरंभ 10 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से हो रहा है। जो अगले दिन 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 06 मिनट तक रहेगी। तत्पश्चात नवमी तिथि का आरम्भ होगा,
11 को ही अष्ठमी तिथि का पूजन श्रेष्ठ क्यु
11 को उदिया तिथि के आधार के साथ अष्टमी और नवमी का साथ होना अपने मे एक श्रेष्ठ योग का निर्माण करता हैं
अष्टमी खत्म होने और नवमी शुरू होने से 32 मिनट पहले का समय सन्धि काल जिस पर माँ भगवती के नौ स्वरूपो की साक्षात् कृपा बरसती हैं इस बार 11 को सन्धि काल पर पूजन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा
11:25 दुपहर से आरम्भ हो कर 12:05 दुपहर तक रहेगा
इस समय माँ को रोली अक्षत से पूजन कर,पान सुपारी और नयवेध्य के साथ नारियल अर्पित करे, साथ ही नौ जगह सफेद पुष्प, दुग्ध मिष्ठान और धन अर्पित कर उसे छोटी कन्याओ को बाँट दे,
माँ भगवती प्रसन्न हो कर सभी मनोकामना पूरी करती हैं
ज्योतिषाचार्य स्वाति सक्सेना