रंगभरनी एकादशी पर
राशि अनुसार रंग और गुलाल को अर्पित करते हैं भगवान कृष्ण पर तो पाते हैं उन का आशीर्वाद और ग्रहो कीअनुकूलता
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कौन से रंग का आधिक प्रयोग करें होली पूजन में और रंग खेलते समय
होली का पर्व रंगों का पर्व है । इस लिए रंगों का महत्व अधिक है । रंग खेलने से पहले रंग द्वारा हम पूजन करते हैं ।
प्रथम पूजन
रंग भरनी एकादशी पर पूजन
रंगों से होली खेलना यानी श्री कृष्ण के साथ , उनको रंग लगाने का शुभ आरंभ हम रंग भरनी एकादशी से कर देते हैं ।
दूसरा पूजन
होलिका दहन में अग्नि का पूजन
होलिका दहन के समय हम धान,गन्ने और रंगों से अग्नि का पूजन करते हैं
तब हमें कौन से रंग को सर्वप्रथम प्रयोग में लाना चाहिए ।मन और बुद्धि पर समान रूप से हमारी राशि के स्वामी का अधिकार होता है । तो अगर हम राशि के अनरूप गुलाल और रंग का प्रयोग करते हैं तो अपनी राशि की ऊर्जा को संतुलित कर पाते है । जो जीवन को सकारात्मक प्रभाव देती हैं ।
राशि के अनरूप रंगों का प्रयोग- और पाये अलग अलग प्रभाव
मेष और वृश्चिक राशि
आप की राशि के स्वामी देव मंगल है ।इस लिए आप को पूजन में गुलाबी और पीले रंग को अवश्य सम्लित करना चाहिए ।
वृषभ और तुला राशि
आपको हल्की नीले या फिर सफेद रंग को पूजा में सम्लित करना चाहिए यह रंग आपके जीवन सुख-शांति और आपसी प्रेम को बढ़ाता है ।
मिथुन और कन्या राशि
राशि स्वामी बुध है। आप को पीले, गुलाबी, आसमानी और हरे रंग के गुलाल का प्रयोग पूजन में करना चाहिये ।जो सुख-समृद्धि और आर्थिक पक्ष को मजबूत करता हैं ।
कर्क राशि
राशि स्वामी चंद्रमा है। तो आपके लिए शुभ रंग भी चंद्रमा जैसा शीतल है। यानी कि सफेद रंग या लाल और गोल्डन रंग का प्रयोग करना चाहिए । ये मनोबल प्रबल करता हैं आपके जीवन में खुशियों का संचार करेगा।
सिंह राशि
इस राशि का स्वामी सूर्य होता है। वहीं इस राशि वाले लोग काफी उत्साही होते हैं । आप को केसरिया, गुलाबी और हरे रंग से पूजा करनी चाहिए । इस से स्नेह और प्रेम की वृद्धि होती हैं । इसके अलावा अन्य परेशानियां भी दूर होती हैं ।
धनु और मीन राशि
धनु और मीन राशि का स्वामी गुरु होते है। इसलिए इस राशि के जातकों को पीले रंग के गुलाल को पूजन में सम्लित अवश्य करना चाहिये।
इससे घर-परिवार और जातक के जीवन में मंगल कार्यों की वृद्धि होती है।
मकर और कुंभ राशि
ये राशियां शनि देव की स्व राशियां है ।आप को नीले रंग का प्रयोग पूजन में करना चाहिए । नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। यदि किसी को कोई बीमारी है तो वह भी दूर होती है।
ज्योतिषाचर्या – स्वाति सक्सेना
वैदिक एस्ट्रोलॉजर पामिस्ट,फेसरीडर