सोमवती अमावस्या
पौष माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 30 दिसंबर को सुबह 04 : 01 से 31 दिसंबर को सुबह 03 :56 तक
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हमारे शास्त्रों में वर्णित है की पौष माह को पितृपक्ष की तरह ही पितरो की कृपा पाने का विशेष समय माना जाता है और इस माह की अमावस्या तिथि पर स्नान ,दान और तर्पण करने से पितरो की कृपा और ग्रह दोषों का निवारण प्राप्त होता है
इस बार सोमवार को अमावस्या तिथि का होना इस के महत्व को और बढ़ा देता है, भगवान विष्णु के साथ भगवान शंकर की भी विशेष कृपा भी प्राप्त होगी इस दिन ,
इस बार की सोमवती अमावस्या पर पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करतें हुए “ॐ नमः शिवाय” का जप करने से पितृदोष के साथ ग्रह दोषों से भी मुक्ति मिलती है।
विशेष रूप से 2025 में होने वाले शनि देव के राशि परिवर्तन के शुभ प्रभावो को बढ़ाने के लिये और उन की कृपा प्राप्त करने का अवसर मिल रहा है
आज के दिन सरसो के तेल का दीप जगा कर पीपल के वृक्ष की सात परिक्रमा करे, हल्दी युक्त दुग्ध पीपल के वृक्ष पर अर्पित करे , जिससे त्रिदेव, “ब्रह्मा विष्णु महेश” का पूजन सिद्ध होता और पीपल वृक्ष की जड़ो को स्पर्श करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है साथ ही सुख ,सौभागय आर्थिक उन्नति के साथ पितरो की कृपा मिलती है
ज्योतिषाचार्य – डॉ.स्वाति सक्सेना
संस्थापक
सनातन राष्ट्रीय ज्योतिष परिषद