शयन कक्ष

1किसी भी घर में जितना पूजाघर, रसोई घर, महत्वपूर्ण हैं उतना ही शयन कक्ष भी महत्व रखता हैं
शयन कक्ष की दिशा अगर वास्तु शास्त्र के अनुसार हैं तो घर का बैडरूम – दक्षिण -पश्चिम,उत्तर, पूरब
में हो सकता हैं

2- पर पूर्वोत्तर या दक्षिण-पूर्व के कोने पर बेड रूम शयन कक्ष से बचना चाहिए, दक्षिण-पश्चिम दिशा में बेडरूम -स्वास्थ्य समृद्धि और दीर्घायु , प्रदायक होता हैं

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3- घर के पूर्वोत्तर या दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में बेडरूम से बचें। दक्षिण-पूर्व में बेडरूम विवाद झगड़े और आपसी समँझस में कमी करता हैं पूर्वोत्तर में बेडरूम से स्वास्थ्य की समस्या हो सकती है।

 

4- उत्तर, पूर्ब दिशा में बेडरूम भाग्य वर्धक रहता है ।आर्थिक पक्ष को मजबूत करता हैं नये अवसर प्रदायक होता है

 

5- बिस्तर हमेशा आयताकार या चौकोर होना चाहिए। गोल या अंडाकार बिस्तरों से बचें। वास्तु के अनुसार, आपके डबल बेड पर दो सिंगल गद्दे के बजाय एक सिंगल (डबल साइज) गद्दा होना चाहिए। यह भी सुनिश्चित करें कि बिस्तर लकड़ी का बना हो।

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