उदया तिथि के आधार पर 26 फरवरी को बुधवार के दिन महाशिवरात्रि – त्रिग्रही योग के साथ
सुख और वैभव प्रदायक शुक्र देव, बृहस्पति देव की राशि मीन,अपनी उच्च राशि मे होंगे विराजमान, वहीं गृहस्त सुख प्रदायक बृहस्पति देव शुक्र की राशि वृषभ मे होगे विराजमान, इस शुभ संयोग मे महा शिवरात्री पर भगवान शिव पर केसर युक्त दुग्ध से अभिषेक करने से विवाह मे हो रहे विलम्भ दूर होते है और गृहस्ती सुख बढ़ता है,
वहीं अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ मे शनि देव सूर्य और बुद्ध के साथ विराजमान होंगे जिस संयोग मे कर्म फल प्रदायक शनि देव को प्रसन्न करने के लिये उन के गुरु भगवान शिव पर काले तिल डाल कर जलाभिषेक कर रुद्राक्ष की माला से यथा-शक्ति ” ॐ नमः शिवाय “ का जप करने से जीवन मे संघर्षों मे कमी आती है और मान सम्मान बढ़ता है
वही कमजोर मनोबल और पीड़ित चन्द्रमा के प्रभाव को खत्म करने के लिए चांदी के पात्र से गुड़ मिश्रित दुग्ध अर्पित करना चाहिये
विद्यार्थी वर्ग को एकाग्रता बढ़ाने और सफलता प्राप्त करने के लिये ग्रहो के शुभ संयोग मे शिवरात्री पर ॐ का निरंतर उच्चारण (जप) करते हुये दही और गंगा जल से अभिषेक करना चाहिये
26/फरवरी/2025 शिवरात्रि बुधवार – निशिता काल पूजन समय 11:56 pm से 12:46 am 27/फरवरी/2025
——————————–
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – शाम 06:29 से रात 09:34 तक
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – रात 09:34 से 27 फरवरी सुबह 12 बजकर 39 मिनट तक
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – 27 फरवरी को रात 12:39 से सुबह 03 बजकर 45 मिनट तक
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – 27 फरवरी को सुबह 03:45 से 06 बजकर 50 मिनट तक