ये विशेष तारे ही नक्षत्र है हमारे शास्त्रों मे 27 नक्षत्रों की व्याख्या मिलती है और ये नक्षत्र फिर से अलग अलग समूहों मे आ कर राशि बनाते है और चन्द्रमा जब जिस समूह मे होते है उस समय जन्म लेने वालो की वहीं राशि होती है
12 राशियां और 27 नक्षत्र मे
हर राशि में सवा दो नक्षत्र आते हैं। हर नक्षत्र के 4 भाग होते हैं। नक्षत्र के हर भाग को चरण कहा जाता है और हर चरण में नाम के 4 अक्षर होते हैं। जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि और नक्षत्र के जिस चरण में होता है उसी अक्षर के अनुसार जन्म नाम रखा जाता है और वो ही नाम की राशि होती है। पर कुछ लोग नक्षत्र के अक्षर से नाम ना रख कर किसी और अक्षर से नाम रखते है उन की जन्म राशि और नाम राशि अलग हो जाती है
अगर नाम अक्षर को देख कर अपनी राशि
अत: नाम का पहला अक्षर बता देता है की आप की कौन सी राशि हैं।
मेष (अश्विनि,भरणी, कृतिका)
चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ
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वृष (कृतिका,रोहिणी,मृगशिरा)
ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो
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मिथुन (मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वस) का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह
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कर्क ( पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेषा)
ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो
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सिंह (मघा,पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी)
मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे
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कन्या (उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा) ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे,
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तुला (चित्रा, स्वाती, विशाखा)
रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते
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वृश्चिक ( विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा) तो, ना, नी, नू, ने,
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धनु (मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा)
ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे
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मकर (उत्तराषाढ़ा, श्रवण, घनिष्ठा) भो, जा, जी, खी, खू, खे,खो,गा, गी
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कुंभ (घनिष्ठा,शतभिषा,पूर्वाभाद्रपद) गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा
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मीन (पूर्वाभाद्रपद,उत्तराभाद्रपद, रेवती)
दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची