हथेली के दर्शन -धन और ज्ञान सृजनात्मक का वरदान
“कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती। करमूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते करदर्शनम्।।
अर्थात हथेली के सबसे आगे के भाग में लक्ष्मी जी, बीच के भाग में सरस्वती जी और मूल (जड़) भाग में ब्रह्मा जी निवास करते हैं। इसलिए सुबह दोनों हथेलियों के दर्शन करना करना चाहिए, ताकि दिन अच्छा व्यतीत हो। साथ ही तीनों देव हमें आशीर्वाद प्रदान करें।
ब्रह्मा, लक्ष्मी और सरस्वती का
सुबह सुबह उठते ही सब से पहले अपनी दोनों हथेलियों को जोड़ कर ऊर्जा के स्रोत के दर्शन करने चाहिए शास्त्रों और पुराणों के आधार पर हथेली में सर्व प्रथम माँ लक्ष्मी फिर माँ सरस्वती और फिर ब्रह्मा जी विराजमान होते रहते हैं ।
माँ लक्ष्मी-अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए ।
माँ सरस्वती – ज्ञान के आधीन हो कर
ब्रह्म जी – सर्जनात्मकता की उत्पत्ति के लिए अग्रसर रहू ।
ऐसी प्रार्थना करते हुये आशीर्वाद प्राप्त करें