दीपावली कब है, जानें धनतेरस, अमावस्या तिथि के साथ प्रदोष काल और निशिताकाल

Laxmi Ganesh diwali

Laxmi Ganesh diwali

पंच दिवसीय पर्व दीपावली

धन त्रयोदशी -प्रदोष व्याप्तनी धन त्रयोदशी पर ही पूजन शास्त्रोचित हैं इस लिये     29 अक्टूबर धनतेरस पर्व
प्रदोष काल – 05:38 पी एम से 08:13 पी एम
वृषभ काल – 06:31 पी एम से 08:27 पी एम
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 29, 2024 को 10:31 ए एम बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त – अक्टूबर 30, 2024 को 01:15 पी एम बजे

Diwali
छोटी दीपावली 30अक्टूबर नरक चतुर्दशी को सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में यम का दीपक जलाने का महत्व हैं इस लिये
30 अक्टूबर को नर्क चतुरदशी का पूजन किया जायेगा-
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 30, 2024 को 01:15 पी एम
चतुर्दशी तिथि समाप्त – अक्टूबर 31, 2024 को 03:52 पी एम

 

diwali-puja

 

दीपावली 31अक्टूबर
दीपवाली पर्व के पूजन के लिये
अमावस्या तिथि के साथ प्रदोष काल और निशिताकाल के मुहूर्त का होना अनिवार्य हैं जो 31अक्टूबर को प्राप्त होगा इस लिये 31को दीप दान और लक्ष्मी पूजन करना श्रेष्ठ हैं
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कार्तिक, कृष्ण अमावस्या
प्रारम्भ -03:52 पी एम,अक्टूबर 31
समाप्त -06:16 पी एम, नवम्बर 01

 

गोवर्धन पूजा 2 नवम्बर
कार्तिक शुक्ला पक्ष की प्रतिपदा
जो उदिया तिथि के आधार पर 2 नवंबर को प्राप्त होगी
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 01, 2024 को 06:16 पी एम बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त – नवम्बर 02, 2024 को 08:21 पी एम बजे

 

भाई दूज -3 नवंबर
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता हैं जो 3नवंबर को प्राप्त हो रही हैं
द्वितीया तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 02, 2024 को 08:21 पी एम बजे
द्वितीया तिथि समाप्त – नवम्बर 03, 2024 को 10:05 पी एम बजे
भाई दूज अपराह्न समय – 01:10 पी एम से 03:22 पी एम
अवधि – 02 घण्टे 12 मिनट्स

धन त्रयोदशी 29 अक्टूबर -प्रदोष व्याप्तनी धन त्रयोदशी पर ही पूजन शास्त्रोचित हैं इस लिये 29 अक्टूबर धनतेरस पर्व

Diwali

छोटी दीपावली 30अक्टूबर नरक चतुर्दशी को सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में यम का दीपक जलाने का महत्व हैं इस लिये
30 अक्टूबर को नर्क चतुरदशी का पूजन किया जायेगा-

Diwali 2024

दीपावली 31अक्टूबर दीपवाली पर्व के पूजन के लिये अमावस्या तिथि के साथ प्रदोष काल और निशिताकाल के मुहूर्त का होना अनिवार्य हैं जो 31अक्टूबर को प्राप्त होगा इस लिये 31को दीप दान और लक्ष्मी पूजन करना श्रेष्ठ हैं
Govardhan Puja

गोवर्धन पूजा 2 नवम्बर कार्तिक शुक्ला पक्ष की प्रतिपदा जो उदिया तिथि के आधार पर 2 नवंबर को प्राप्त हो गी
गोवर्धन पूजन उदिया तिथि मे करना श्रेष्ठ हैं
Diwaliभाई दूज -3 नवंबर कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता हैं जो 3नवंबर को प्राप्त हो रही हैं

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