चैत्र नवरात्र 30 मार्च से 6 अप्रैल
इस बार चैत्र नवरात्र का आरम्भ 30 मार्च से होगा,माँ गज पर सवार हो कर पृथ्वी पर मानव कल्याण व समृद्धि प्रदान करने के लिये पधारे गी
गज पर माता का आना सुख समृद्धि और वैभव का शुभ संकेत हैं, इस नव संवतसर 2082 के लिये
प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को 04:28 शाम से आरम्भ हो कर 30 मार्च को 12:50 दुपहर तक रहेगी, उदिया तिथि के आधार पर 30 मार्च को रेवती नक्षत्र और इंद्र योग मे आरम्भ होगा नवरात्री महापर्व
कलश स्थापना शुभ मुहूर्त
30 मार्च प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना
सुबह 06:13 से 10:22 या अभिजीत मुहूर्त दुपहर 12:01 से 12:49 के मध्य करना श्रेष्ट हैं
नौ नहीं 8 दिन की होगी नवरात्री 30 मार्च से 6 अप्रैल, पंचमी तिथि का क्षय होने के कारण इस बार नवरात्र 9 दिनों की जगह 8 दिनो की होंगी नवरात्री
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नवरात्री मे आदिशक्ति के तीन सतोगुणी, तीन रजोगुणी और तीन तमोगुणी स्वरूपो का पूजन करते हैं जो जीवन मे अद्भुत संतुलन दे मंगलमय पुरुषार्थ को प्ररित कर, समस्त विघ्न बाधाओं को हरती हैं
इस बार नवरात्री पर विशेष संयोग
चैत्र प्रतिपदा पर देवगुरु बृहस्पति की राशि मीन मे 6 ग्रहो का एकसाथ होना अपने मे विशेष हैं, ग्रहो के संतुलन और शुभ प्रभाव को प्राप्त करने के लिये, 6 साबुत अनाज को मिला कर माँ के समक्ष लाल कपडे मे रखे,रोली और अक्षत अर्पित कर अंतिम तिथि पर देशी घी के साथ माँ के नवार्ण मंत्र ‘ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे’ बोलते हुये नौ आहुतिया देकर माँ का आशीर्वाद प्राप्त करें
माँ को प्रसन्न कर सुख समृद्धि यश प्राप्त करने के लिये तिथियों अनुसार करें पूजन
30 मार्च: प्रतिपदा तिथि- माँ शैलपुत्री का पूजन रोली से तिलक कर घी, गुड़ मिश्रित भोग अर्पित करें
31 मार्च: द्वितीया तिथि- माँ ब्रह्मचारिणी का पूजन पीले चंदन से तिलक कर, पंचामृत का भोग अर्पित करें
1 अप्रैल: तृतीया तिथि- देवी चंद्रघंटा का पूजन- दही से तिलक करें और सफेद मिष्ठान का भोग लगाये
2 अप्रैल: चतुर्थी और पंचमी तिथि- देवी कुष्मांडा और देवी स्कंदमाता का पूजन घी से तिलक कर,फल का भोग लगाये
3 अप्रैल: छठ तिथि- देवी कात्यायनी का पूजन:- पीले चंदन से तिलक कर खीर शहद डाल कर भोग लगाये
4 अप्रैल: सप्तमी तिथि- देवी कालरात्रि का पूजन लाल चंदन से तिलक कर गुड़ का भोग लगाये
5 अप्रैल: अष्टमी तिथि महाष्टमी:- महा गौरी का पूजन, रोली से तिलक कर, तिल अर्पित कर नारियल और पंच मेवा मिश्रित भोग लगाये
6 अप्रैल: महानवमीं तिथि:- देवी सिद्धदात्री का पूजन रोली से तिलक कर फल मिष्ठान के साथ अन्न का भोग जरूर लगाये
@ज्योतिषाचार्या स्वाति सक्सेना