आश्चिन मास की पूर्णिमा तिथि – शरद पूर्णिमा -16 अक्टूबर

Sharad Purnima

Sharad Purnima

शरद पूर्णिमा पर 16 कलाओ से युक्त चन्द्र देव अपनी पूर्ण आभा बिखेरते हैं

जो स्वागत हैं माँ लक्ष्मी का, जो स्वागत हैं गोपी भाव का जिसने स्त्री पुरुष के भेद से ऊपर उठ कर अपनी समस्त कामनाओं की पूर्णता भगवान श्री कृष्ण को कृपा बरसाने पर विवश कर दिया,और शरद पूर्णिमा की रात्रि मे हर गोपी भाव को अपनी शरण मे लिया और दिव्य महारास मे प्रवेश किया
इस लिये शरद पूर्णिमा को अमृतपूर्ण रात्रि कहाँ जाता हैं जहाँ तृप्ती का अमृत बरसता हैं

आज की रात मन को औषधि रूप मे चंद्र ऊर्जा उन के आराध्य के साक्षात् स्वरूप का दर्शन करती हैं
वही शारीरिक पुष्टि के लिये अमृतमयी चंद्र ऊर्जा को ग्रहण करने का अवसर देती हैं
और सांसारिक सुखो की कमना, धन धान और समृद्धि प्राप्त होती हैं माँ लक्ष्मी के प्रवेश से – उन का पूजन कर खीर अमृत वर्षा मे चंद्र ऊर्जा मे रखना चाहिए

Also Read:  Pitru Paksha (पितृपक्ष) Tue, 17 Sept, 2024 – Wed, 2 Oct, 2024
Scroll to Top