आईना जो आप की सूरत ही नहीं दिखता बल्कि आनेवाले समय को भी बताता हैं

आजा कल की आधुनिकता में आईने का प्रयोग भरपूर होनें लगा हैं आधुनिक घरो की शान हैं आईने पर आईना ऊर्जा को दुगना कर देता हैं अगर नकारात्मक ऊर्जा हैं,  तो भी बढेगी और अगर पॉजिटिव हैं तो वो भी बढे गी इस लिए आईने का आकर और दिशा दोनों बहुत महत्वपूर्ण हैं

आकर
मुख्यता आईना कभी भी गोल नहीं होना चाहिए, आयत कार या वर्ग में होना अधिक श्रेष्ट होता हैं
गोल शीशा जीवन की उलझने बढ़ा देता हैं, जब की आयत और वर्ग के आकर जीवन में संतुलन और लाभ देते हैं

गोलाकार या ओवल शीशे का प्रयोग कामर्शीयल जगह किया जा सकता हैं क्युकि वहां आईना देखने वाले लोग बहुत कम समय के लिए इसे प्रयोग करते हैं और नियमित नहीं होते

किस दिशा में ना लगाए शीशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण और पश्चिम में बिल्कुल ना लगाए शीशा इस दिशा में आईने का अधिक प्रयोग घर के वातावरण आपसी रिश्तो और स्वास्थ्य को प्रभावित करता हैं और अगर किसी प्रकार का वास्तु दोष हैं तो वो भी इस दोष के होनें और बढ़ जाते हैं

उपयुक्त दिशा
आईना आप के रूप को व्यक्तित्व को संजो कर वापस दिखता हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर आईना सही दिशा में लगा हो तो जीवन में वृद्धि और सकारात्मकता बढ़ती हैं इस लिए आईना हमेश उत्तर और पूर्व दिशा में शुभ माना जाता हैं ये दिशा वृद्धि की सूचक हैं इस दिशा में आईना सकारात्मक प्रवहा देता हैं

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