मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथी

SHUBH THITHI

मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथी

सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं
इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है।
शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याया (10)

मंत्रों की दिव्य तरंगों

🌷 रविवार सप्तम🌷
रविवार सप्तमी के दिन जप/ध्यान करने का वैसा ही हजारों गुना फल होता है जैसा की सूर्य/चन्द्र ग्रहण में जप/ध्यान करने से होता
रविवार सप्तमी के दिन अगर कोई नमक मिर्च बिना का भोजन करे और सूर्य भगवान की पूजा करे , तो उसकी घातक बीमारियाँ दूर हो सकती हैं , अगर बीमार व्यक्ति न कर सकता हो तो कोई और बीमार व्यक्ति के लिए यह व्रत करे | इस दिन सूर्यदेव का पूजन करना चाहिये

🌞 सूर्य भगवान पूजन विधि🌞

१) सूर्य भगवान को तिल के तेल का दिया जला कर दिखाएँ , आरती करें |
२) जल में थोड़े चावल ,शक्कर , गुड , लाल फूल या लाल कुम कुम मिला कर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें |

🌞 सूर्य भगवान अर्घ्य मंत्र🌞
🌷 1. ॐ मित्राय नमः।
🌷 2. ॐ रवये नमः।
🌷 3. ॐ सूर्याय नमः।
🌷 4. ॐ भानवे नमः।
🌷 5. ॐ खगाय नमः।
🌷 6. ॐ पूष्णे नमः।
🌷 7. ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।
🌷 8. ॐ मरीचये नमः।
🌷 9. ॐ आदित्याय नमः।
🌷 10. ॐ सवित्रे नमः।
🌷 11. ॐ अर्काय नमः।
🌷 12. ॐ भास्कराय नमः।
🌷 13. ॐ श्रीसवितृ-सूर्यनारायणाय नमः।

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