नवरात्रि के दिनों में देवी के विभिन्न रूपों की पूजा का प्रभाव ग्रहों पर और भी गहरा होता है@shriastro swati saxena

Navratri
नवरात्रि के दिनों में देवी के विभिन्न रूपों की पूजा का प्रभाव ग्रहों पर और भी गहरा होता है, और यह न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में समृद्धि और शांति लाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

 

Shailputri1. पहला दिन – शैलपुत्री (Maa Shailputri)
ग्रह का प्रभाव: शनि और मंगल

लाभ: शैलपुत्री की पूजा से शनि और मंगल ग्रह की शांति होती है, जो जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए कारगर साबित होती है। इसके साथ ही साहस, शक्ति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। यह पूजा विशेष रूप से कर्म, कार्य और शारीरिक शक्ति को बढ़ाने के लिए होती है।

 

 

Brahmacharini2. दूसरा दिन – ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini)
ग्रह का प्रभाव: बृहस्पति (गुरु)

लाभ: ब्रह्मचारिणी की पूजा से बृहस्पति ग्रह के आशीर्वाद से शिक्षा, ज्ञान, वैवाहिक जीवन और परिवार में सुख-शांति का वास होता है। यह पूजा व्यक्ति के जीवन में विद्या, ज्ञान और बृहस्पति की कृपा प्राप्त करने के लिए की जाती है।

 

 

 

Chandraghanta3. तीसरा दिन – चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta)
ग्रह का प्रभाव: चंद्रमा

लाभ: चंद्रघंटा की पूजा से चंद्रमा ग्रह प्रसन्न होता है, जो मानसिक शांति, आत्मविश्वास और भक्ति का प्रतीक होता है। यह पूजा मानसिक तनाव, अशांति और भय को दूर करती है और व्यक्ति को संतुलित और शांतिपूर्ण बनाती है।

 

 

 

Kushmanda4. चौथा दिन – कूष्मांडा (Maa Kushmanda)
ग्रह का प्रभाव: सूर्य

लाभ: कूष्मांडा की पूजा से सूर्य ग्रह की कृपा मिलती है, जो शक्ति, सम्मान और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। यह पूजा जीवन में ऊर्जा और आत्मविश्वास लाने के लिए की जाती है। सूर्य का आशीर्वाद पाकर व्यक्ति को कार्यों में सफलता मिलती है और जीवन में कोई भी अंधकार नहीं रहता।

 

 

Skandmata5. पाँचवाँ दिन – स्कंदमाता (Maa Skandamata)
ग्रह का प्रभाव: शुक्र

लाभ: स्कंदमाता की पूजा से शुक्र ग्रह की शांति होती है, जो प्रेम, सौंदर्य और समृद्धि का कारक होता है। यह पूजा विवाह, प्रेम संबंधों और भौतिक सुख-संपत्ति में वृद्धि के लिए की जाती है।

 

 

 

Kaatyayani6. छठा दिन – कात्यायनी (Maa Katyayani)
ग्रह का प्रभाव: बुध

लाभ: कात्यायनी की पूजा से बुध ग्रह की शांति होती है, जो बुद्धि, वाणी और व्यापार के लिए उत्तरदायी है। यह पूजा विशेष रूप से व्यापार में वृद्धि, नौकरी में सफलता और संवाद की क्षमता को सुधारने के लिए की जाती है।

 

 

 

Kaalratri7. सातवाँ दिन – कालरात्रि (Maa Kalratri)
ग्रह का प्रभाव: राहु

लाभ: कालरात्रि की पूजा से राहु ग्रह की शांति होती है, जो भ्रम, डर और उलझन पैदा करने के लिए जिम्मेदार होता है। यह पूजा व्यक्ति की मानसिक स्थिति को बेहतर बनाती है और उसे अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है।

 

 

 

Mahagauri8. आठवाँ दिन – महागौरी (Maa Mahagauri)
ग्रह का प्रभाव: केतु

लाभ: महागौरी की पूजा से केतु ग्रह की शांति होती है, जो आंतरिक शांति, शुद्धता और मोक्ष का कारक होता है। यह पूजा विशेष रूप से मानसिक शांति, आत्मिक उन्नति और दोषमुक्ति के लिए होती है।

 

 

 

Siddhidatri9. नौवाँ दिन – सिद्धिदात्री (Maa Siddhidatri)
ग्रह का प्रभाव: सभी ग्रहों का संतुलन

लाभ: सिद्धिदात्री की पूजा से सभी ग्रहों का संतुलन होता है, जिससे जीवन में समृद्धि, सुख और सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान मिलता है। यह पूजा विशेष रूप से जीवन में सफलता, शांति और सभी प्रकार की इच्छाओं की पूर्ति के लिए होती है।

 

 

 

नवरात्रि की पूजा से ग्रहों का संतुलन और जीवन में सुधार:
ग्रहों की स्थिति: नवरात्रि में देवी पूजा से ग्रहों की स्थिति को बेहतर किया जा सकता है। ग्रहों का संतुलन बनाए रखने से मानसिक शांति, शारीरिक ऊर्जा, और भौतिक समृद्धि की प्राप्ति होती है।

पारिवारिक सुख: यह पूजा परिवार में शांति, प्रेम और समृद्धि लाने के लिए भी की जाती है। देवी के आशीर्वाद से घर के हर सदस्य को आशीर्वाद मिलता है।

स्वास्थ्य में सुधार: ग्रहों के प्रभाव से शरीर में ऊर्जा और स्वास्थ्य में सुधार होता है, खासकर जब ग्रहों की पूजा करके उनके नकारात्मक प्रभावों से बचाव किया जाता है।

नवरात्रि के दौरान देवी के विभिन्न रूपों की पूजा से न केवल ग्रहों का संतुलन होता है, बल्कि जीवन के हर पहलू में सुधार और समृद्धि आती है।

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