माघ मास कृष्ण पक्ष की एकादशी – षठतिला एकादशी- जनवरी 25, 2025 दिन शनिवार

Ekadashi 2024
एकादशी तिथि प्रारम्भ – जनवरी 24, 2025 को 05:55 पी एम
एकादशी तिथि समाप्त – जनवरी 25, 2025 को 07:01 पी एम
उदिया तिथि के आधार पर 25जनवरी को षठतिला एकादशी
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षट्तिला एकादशी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का पूजन कर के व्रत रखने का विधान है, इस दिन विशेष रूप से  तिल स्नान, तर्पण, भोजन, दान,और हवन में प्रयोग करने से असंख्य पुण्यो का उदय होता है
सनातन धर्म में तिल को सबसे पवित्र और शुद्ध अनाज के रूप में माना गया है, थोड़े से तिल के दान से ही हमें सहस्र गुना अन्न के दान का फल प्राप्त होता है
भगवान विष्णु से तिल की उत्पत्ति होने के कारण इसे सब से अधिक पवित्र मानकर विभिन्न पूजन, अनुष्ठानों,हवन और तर्पण मे पूर्ण श्रद्धा के साथ प्रयोग मे लाया जाता है,
वहीं जीव की अंतिम यात्रा मे और संस्कार मे भी तिल प्रयुक्त होता है

षट्तिला एकादशी के दिन पूजा विधान पुण्य और मोक्ष की प्रप्ति के साथ ग्रह दोष भी खत्म करते है
आज के दिन उबटन और स्नान- तिल मिश्रीत उबटन का प्रयोग कर,तिल मिश्रीत जल से स्नान करने से तीर्थ स्नान का पुण्य तो प्राप्त होता है वहीं चंद्र ग्रह से सम्बंधित ग्रह दोष खत्म होते है

अर्ध:- तिल मिश्रीत जल से सूर्य देव को अर्ध देने पर जीवन मे सतोगुण की वृद्धि होती है, यश बढ़ता है और जन्म पत्रिका मे सूर्य ग्रह से सम्बंधित ग्रह दोष खत्म होते है
पूजन – भगवान विष्णु पर तिल मिश्रीत गंगा जल अर्पित करे, चन्दन से तिलक, तिल मिश्रीत भोग, और तिल के तेल का दीप जगा कर आरती करें इस से मंगल ग्रह के दोष दूर हो कर प्रबलता मिलती है

मन्त्र जप – तिल को संकल्प रूप मे हाथ मे ले कर 108 बार विष्णु नाम या मन्त्र जप कर भगवान पर तिल अर्पित करे इस से बृहस्पति और बुद्ध ग्रह प्रबल होते है
दान तिल, गुड़, वस्त्र दान करने से मोक्ष की प्रप्ति तो होती ही है साथ ही शुक्र ग्रह मजबूत होता है वहीं विकलांग और जरूरत मंद को आज के दिन दान करने से शनि ग्रह के साथ राहु केतु सम्बन्धी ग्रह दोषों से मिक्ति मिलती है

षटतिला एकादशी पर तिल से जुड़े ये छह काम जरूर करने चाहिए
तिल का दान
तिल से स्नान
तिल का भोग लगाना
तिल का हवन करना
तिल का उबटन लगाना
तिल का सेवन करना

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