नवरात्रि 03 से 11अक्टूबर
अश्विनी शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवरात्रि महापर्व का आरम्भ
उदिया तिथि के आधार पर 3 अक्टूबर गुरूवार को माँ पालकी पर सवार हो कर पृथ्वी पर पधारेगी
नवरात्रि का आरम्भ प्रतिपदा 3अक्टूबर को कलश स्थापना के साथ किया जायेगा, कलश स्थापना – हस्त नक्षत्र और शुभ मुहूर्त मे करने से सभी मनोकामनायें पूर्ण होती हैं और आशीर्वाद स्वरूप सकरात्मक ऊर्जा का प्रवाह मिलता हैं
पहला मुहूर्त सुबह 6 बजकर 19 मिनट से 7 बजकर 23 मिनट तक है.
वही स्थिर लग्न 09:30 से 11:40 मिनट सुबह तक , घट स्थापना के लिये अत्यंत शुभ मुहूर्त रहेगा
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बज कर 52 मिनट से लेकर 12 बजकर 40 मिनट तक रहेगा जिस मे भी घट स्थापित कर माँ दुर्गा का पूजन आरम्भ करना अत्यंत शुभ होता हैं
तृतीया तिथि की वृद्धि होने के कारण नवरात्रि पर्व रहेगा पूरे नौ दिन का
पर वही एक तिथि का क्षय भी होगा जिस कारण महा अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन 11 अक्टूबर को और 12 अक्टूबर को धर्म की विजय का पर्व विजयदशमी मनाया जायेगा
इस नवरात्रि विशेष इस नवरात्रि पर विशेष रूप से स्वास्थ्य आरोग्यता और आर्थिक उन्नति के लिए, मां को नियमित सफेद पुष्प अर्पित कर मां के नवार्ण मंत्र
” ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। “
का एक माला जप करना श्रेष्ठ होगा, इस जप से परमब्रह्म ( ॐ ) सहित नौ देवियों और नवग्रहों की कृपा प्राप्त होती है।