जय श्री हरि
ज्योतिषीय सिद्धान्त !!!!bhavishvani

नौतपा का संबंध ज्योतिष से जुड़ा है। ज्योतिष की गणना के अनुसार, जब सूर्य देव चंद्र देव के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करते है तो नौतपा प्रारंभ हो जाता है। सूर्य देव के इस नक्षत्र में शुरुवात के नौ दिनों को नौतपा कहते है ।
(25 से 8 जून सूर्य देव रोहणी नक्षत्र में –पहले नौ दिन 25/मई से 2 जून)
ज्योतिषिय आधार पर के सूर्य देव का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश 24 मई की मध्यरात्रि के बाद 2 बजकर 33 मिनट पर होगा । ज्येष्ठ माह में सूर्य के वृषभ राशि के 10 अंश से लेकर 23 अंश 40 कला तक को नौतपा कहा जाता है।इस संचरण की समयावधि कुल 15 दिन की होती है।
(पहले नौ दिन 25/मई से 2 जून)
पंद्रह दिनों के पहले नौ दिन सर्वाधिक गर्मी वाले होते हैं।
जिन्हे नौतपा कहाँ जाता हैं।
रोहिणी नक्षत्र का अधिपति ग्रह चंद्रमा और देवता ब्रह्मा हैं। सूर्य ताप, तेज के प्रतीक है, जबकि चंद्र शीतलता के। चंद्र देव से धरती को शीतलता प्राप्त होती है। सूर्य जब चंद्र के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करते है तो इससे वह उस नक्षत्र को अपने पूर्ण प्रभाव में ले लेता है। और
चंद्र के शीतल प्रभाव क्षीण हो जाते हैं यानी पृथ्वी को शीतलता प्राप्त नहीं हो पाती। इस कारण ताप अधिक बढ़ जाता है।
नौतपा के दौरान लोग 3 दिन भीषण गर्मी से त्रस्त रहेगी।आसमान में काले बादल छाएंगे और देश के अनेक भागों में तेज धूलभरी आंधियां चलेंगी और बारिश होगी।
आसमान में बादलों की आवाजाही से गर्मी का असर थोड़ा कम होने का अनुमान है।
इस दौरान तीन-चार दिन बारिश के योग भी बन रहे हैं।

-शनि, शुक्र और बृहस्पति के वक्री होने का असर नौतपा पर भी नजर आएगा।

-उत्तरी राज्यों में तेज बारिश दक्षिणी राज्यों में समुद्र में हलचल होने की संभावना है।

-पूर्वी प्रदेशों के अलावा नेपाल, चीन में भूकंप आने के आसान दिख रहे हैं।

-पश्चिम राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात में समुद्र तटीय शहरों पर अधिक खतरा है। यह खतरा प्राकृतिक आपदा, रोग, महामारी के रूप में देखा जा सकता है।
स्वाति सक्सेना श्रीएस्ट्रो

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