राहू ही लाया था कॅरोना और अब वही लाये गा उपचार

bhavishyawani

जय श्री हरि
राहू ही लाया था कॅरोना और अब वही लाये गा उपचार

CORONA COVID 19

(22/मई से सितंबर के बीच संभावित घटनाएं)
20 मई को राहु अपना नक्षत्र परिवर्तन कर रहे है और मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे जो मंगल का नक्षत्र है। जैसा मै पहले ही कहा चुकी हूं की जब तक 2020 twenty twenty हमारे पेपर्स पर रहेगा, हमारे साथ चले गा तब तक हम ग्रहण योग में रहेगें जिस से साफ पता चलता है की पूरा साल ही इसी में जाना है ये मैने नये साल(1 जनवरी) पर अंक ज्योतिष के वीडियो में कहा था ।

20 मार्च के वीडियो में ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से प्रभावित हो गा । धन का फ्लो खत्म हो जाये गा । और 15 अप्रैल और 15 – 25 मई से हम कंट्रोल फॉर्म में आगे बढ़े गें | कहा था ।

पूरे साल राहू जनित कोरोना नष्ट नही होगा अब वो हमारे जीवन का हिस्सा बनकर रहेगा बस उपचार उपलब्ध हो जाएगा जिससे उतना भय का वातावरण नही रहेगा।

पर राहू के नक्षत्र परिवर्तन के बाद कोई न कोई उपचार विधि विकसित हो जाएगी कोरोना के विरुद्ध जंग के लिए यह तो स्पष्ट हो रहा है।
पर जल या समंदर से कोई विनाशकारी घटना का जन्म होगा। वह समुंद्री तूफान हो सकता है या सुनामी जैसी कोई दुर्घटना। वक्री गुरु, वक्री शनि, और वक्री प्लूटो मकर राशि मे है देश मै बारिश औले गिरना सडके नजर नही आयेगी अतः किसी प्रकार का भयानक भूकंप संभव है जो खासतौर पर एशिया से संबंधित क्षेत्र में हो सकता है जैसे ईरान, इराक, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, चीन और भारत देश इसमे शामिल हो सकते है।

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यदि इसकी वजह से तूफान उठता है समुंदर में तो और भी ज्यादा भयानक हो सकता है। वृष राशि मे वक्री शुक्र, सूर्य, बुध और उच्च का चंद्रमा अस्त स्थिति में है जो कोई विचित्र अनहोनी बता रहे है देश के किसी राष्ट्राध्यक्ष,सेना,के उच्च अधिकारी की हत्या या मृत्यु संभव है जिसके कारण सम्पूर्ण विश्व मे अशांति की स्थिति हो सकती है। या फिर कोई पानी का जहाज डूबेगा या डुबोया जाएगा। अस्त चंद्रमा से नौवे भाव मे शनि का वक्री होना कुछ न कुछ विवाद अशांति और युद्ध को दर्शाता है।

मंगल है जो सूर्य से दशम और चंद्रमा से भी दशम है अतः शास्त्र इसे तलवार द्वारा शत्रु घात बताते है यानी युद्ध संभव है। लेकिन यदि युद्ध हुआ तो वो समुद्र से ही लड़ा जाएगा। हो सकता है 22 मई से 23 सितंबर तक यह घटनाएं संभावित है जब तक राहु केतु का राशि परिवर्तन नही होता है। 21 जून को इसी बीच सूर्य ग्रहण होगा और 5 जुलाई में चंद्र ग्रहण होगा यह भी कही न कही अशुभ संदेश ही है।
अपने घर समाज और देश को इन संभावित स्थतियों से बचने के लिए हर देशवासी को रोज संकल्पित हो कर अपने उर्जावान मंत्रो का एक 108 यानी एक माला प्रतिदिन करनी चाहिए ।

जो हमारी आद्यात्मिक शक्ति को प्रबल कर हमे इस युद्ध मे विजयी बनाये गा

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